देखो देखो कैसी है ये भोलेनाथ जी की माया,
अपने गणो को भंग घोटने को है लगाया।
भंग धतूरा पीते है शिव शंकर कैलाश पे,
क्या क्या लीला करते है शिव शंकर कैलाश पे,
भंग धतूरा पीते है शिव शंकर कैलाश पे,
क्या क्या लीला करते है शिव शंकर कैलाश पे,
क्या है माया प्रभु भोलेनाथ की,
ये तो वो ही जाने,
हो बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला,
अख धतूरा पीते है शिव शंकर कैलाश पे,
क्या क्या लीला करते है शिव शंकर कैलाश पे,
भोलेनाथ की जय,
बोलो शिव शंकर की जय।
सारे जगत के जो है रचैया,
भक्तो की नैया के साचे खिवैया,
सारे जगत के जो है रचैया,
भक्तो की नैया के साचे खिवैया,
कब कहाँ कैसी लीला है होती,
मिट्टी को सोना करे कंकर को मोती,
देखो देखो कैसी है ये भोलेनाथ जी की माया,
अपने गणो को भंग घोटने को है लगाया,
भंग धतूरा पीते है शिव शंकर कैलाश पे,
क्या क्या लीला करते है शिव शंकर कैलाश पे,
बम बम हरी ॐ बम भोला,
बम बम हरी ॐ बम भोला,
बम बम हरी ॐ बम भोला,
बम बम हरी ॐ बम भोला।
कड़वा जो खुद पिके मीठा बांटे जग को,
शिव ऐसे महायोगी सुख देते सबको,
कड़वा जो खुद पिके मीठा बांटे जग को,
शिव ऐसे महायोगी सुख देते सबको,
विष को जो अमृत घड़ियों में करते,
भंग के बहाने खेल नित नया खेलते,
देखो देखो कैसी है ये भोलेनाथ जी की माया,
अपने गणो को भंग घोटने को है लगाया,
भंग धतूरा पीते है शिव शंकर कैलाश पे,
क्या क्या लीला करते है शिव शंकर कैलाश पे,
क्या है ये माया प्रभु भोलेनाथ की,
ये तो वो ही जाने,
हो बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला बम भोला,
भंग धतूरा पीते है शिव शंकर कैलाश पे,
क्या क्या लीला करते है शिव शंकर कैलाश पे.......