भोले शंकर जरा बात मेरी सुनो
कब तलक तेरा संसार दुःख पायेगा
अपने कर्मो तुमसा खुद है दुखी
जैसे करनी करे वैसा फल पायगा
आज सुनी है गलियां ओ बाजार सब
याहा घर घर में मातम सा छाया हुआ,
देख सारी याहा पर परेशान है
क्या खुशी का कोई दिन नही आएगा,
भोले शंकर जरा बात मेरी सुनो
गोरा खोदे जो गडा किसी के लिए
उसमे गिरना उसकी का तो है लाजमी
अपनी ताकत पे जितना भरोसा जिसे काल से चोट उतनी वो खा जाएगा
भोले करदो दया अब तो बहुत हो चूका हर तरफ लाशो का अम्बार है,
आज मुह को छुपा के जीना पड़ रहा,
कब तलक भोले पर्दा ये हट जायेगा,
भोले शंकर जरा बात मेरी सुनो
पेड़ पोदो को काटा है इंसान ने इन पहाडो का सीना छली किया,
प्यार करले अगर प्रकृति से कष्ट तेरा भी सारियां ये टल जाएगा
अपने कर्मो तुमसा खुद है दुखी
जैसे करनी करे वैसा फल पायगा