अवढरदानी भोले शंकर आ कर पड़ा हु

हाथ सिर बढ़ कर तुम आज रखो,
अवढरदानी भोले शंकर आ कर पड़ा हु तेरे दर पर आकर मेरी लाज रखो,

भक्तो का तुम ने भाग्ये स्वारा,
देदी मुकति भव से तारा,
मेरे सिर पे भक्ति का ताज रखो,
अवढरदानी भोले शंकर आ कर पड़ा हु तेरे दर पर आकर मेरी लाज रखो,

करता हु भोले पूजा तेरी पूरी करदो ईशा मेरी,
मेरे जिमे सेवा का काज रखो,
अवढरदानी भोले शंकर आ कर पड़ा हु तेरे दर पर आकर मेरी लाज रखो,
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