भोले नाथ से निराला गोरी नाथ से निराला कोई और नही
माथे जिनके चंदा सोहे गल सर्पो की माला,
ऐसा सर पल बिठाने वाला कोई और नही,
भोले नाथ से निराला गोरी नाथ से निराला कोई और नही
जिनका डमरू डम डम अगम निगम के भेद खोले,
ऐसा डमरू भ्जाने वाला और नही,
भोले नाथ से निराला गोरी नाथ से निराला कोई और नही
क्या जब जब करवट बदले भाग जाग ते अगले पिछले,
ऐसा मुझको बचाने वाला और नही,
भोले नाथ से निराला गोरी नाथ से निराला कोई और नही
तूने जग का कष्ट मिटाया मुझ्को स्वामी क्यों विश्राया
एसा जग का रखवाला कोई और नही,
भोले नाथ से निराला गोरी नाथ से निराला कोई और नही