जय जय भोला भंडारी जय जय भोला भंडारी,
भंग पी के मस्ती में नाचे भोला भंडारी,
पार न पाया कोई इनका सुध की लेना है न्यारी,
जय जय भोला भंडारी,
अमर अजय तू आधी अनादि व्यापराह कण कण में,
जन्म है तुझसे तू ही परले है श्रिस्ति के आँगन में,
कभी तू योगी कभी तू जोगी,
कभी तू है संसारी,
पार न पाया कोई इनका शिव की लीला है न्यारी,
जय जय भोला भंडारी,
देवो के हिट विष पी डाला नील कंठ कहलाये,
भागी रथ के कुल को तारा धरा पे गंगा लाये
काशी नाथ तुम विश्व नाथ तुम अमरनाथ तू केदार नाथ तू,
महादेव विषधारी पार न पाया कोई इनका शिव की लीला है न्यारी,
जय जय भोला भंडारी,
मंत्र रटे जो नमये शिवाये किरपा तुम हो करते,
बाल न बांका उनका होता जो तेरा नाम सुमिर ते,
पल भर में तू बिगड़ी बनाते दुःख मिटाते पार लगाते,
तुम भोला त्रिपुरारी पार न पाया कोई इनका शिव की लीला है न्यारी,
जय जय भोला भंडारी,