तीनो लोको में भोले के जैसा दूसरा कोई दानी नहीं है,
कौन सा भक्त है बात उसकी मेरे भोले ने मानी नहीं है,
बात सच्ची है करना न सनका देदी रावण को सोने की लंका,
भेद ग्रंथो में लिखा हुआ है कोई झूठी कहानी नहीं है,
फेरी देवो ने जब शिव की माला देके अमृत पिया विष का प्याला,
किसको भोले ने क्या क्या दिया है बात कोई छुपानी नहीं है,
पाप धोने को सारे जहां के शिव ने गंगा हमे देदी लाके,
शिव की करुणा भी इस में मिली है गंगा अमिरत है पानी नहीं है,