बम भोले शिव भोले को जो रिझाना हो,
पुराण सा काज करना हो गंगा जल शिव पे चढ़ा देना,
कावड़िया बिगड़ी बने गी तेरी जैकारा बम बम लगा देना,
शिव भोले को जो रिझाना हो गंगा जल शिव पे चढ़ा देना
पग छाले पड़े तो मत गबरा तू हार न हिमत कावड़ियाँ,
शिव शमभू सुने गे तेरी सदा ना हो खंडित तेरी साधना,
सारी पीड़ा मन में छुपा लेना,
शिव भोले को जो रिझाना हो गंगा जल शिव पे चढ़ा देना
इस में शिव को जिस ने धाया,
किया पाप मुकत शिव ने उसको जो इनकी शरण में है आया,
बाबा के धाम कावड़ियाँ और दुःख अपने तू बता देना,
शिव भोले को जो रिझाना हो गंगा जल शिव पे चढ़ा देना
तुझमे शम्भू की विशेष किरपा तेरा रूप कावड़ियाँ भोले का,
तेरा आहिद काल न कर पायेगा तेरा रक्षक है खुद भोला,
शिव शार्दुल सूर्य संग तेरे मन से भये अपने हटा देना
शिव भोले को जो रिझाना हो गंगा जल शिव पे चढ़ा देना