शिव डमरूवाले को ना दिल से भुलाना तू,
शम्भु त्रिपुरारी की नित आरती गाना तू...
शिव शिव कह के प्राणी जीने का मजा लेले,
मालूम नहीं कब तू दुनिया से रजा लेले,
भोले भंडारी को निज हाल सुनाना तू,
शम्भु त्रिपुरारी की नित आरती गाना तू...
भोले के भरोसे पे कर्मो को किये जा तू,
दो दिन की रवानी है हंस हंस की जिये जा तू,
माया की दीवानों का कुछ खोफ ना रवाना तू,
शम्भु त्रिपुरारी की नित आरती गाना तू....
पी कर के ज़हर शिव ने अमृत को बिसारा था,
कर जोड़ के देवों ने शंकर को पुकारा था,
शिव चरण के पानी को आँखों से लगाना तू,
शम्भु त्रिपुरारी की नित आरती गाना तू....