पग पग पे जो चलता भक्तों के साथ है
वो शिव शम्भू मेरा बाबा भोलेनाथ है
जो देखे ना अपनों भक्तों की जाट है
भोलेनाथ है वो भूतनाथ है
मस्तक पर जिनके चंदा और जटा में बहती गंगा
डिवॉन में देव बड़े वो पहने हार भुजंगा
जो भूतों के भी हर दम रहता साथ है
जो कहलाता भूतों का भूतनाथ है
भोलेनाथ है वो भूतनाथ है
जो जग को अमृत बाते खुद प्याला विश का पीता
हाथी न महल अटारी जो पर्वत ऊपर बैठा
जो बिन बोले सुन लेता दिल की बात है
भोलेनाथ है वो भूतनाथ है
जिनसे परिवार है चलता मुंह माँगा जिनसे मिलता
जो देने पे आ जाए किस्मत का लेख बदलता
जिसने प्रकाश का थामा आकर हाथ है
भोलेनाथ है वो भूतनाथ है