कावड़ उठाने से पहले आज थोड़ी सी भांग पीला देना,
मुझपे भोले की मस्ती छाई मेरा भी जल चढ़वा देना,
मैं पी के टली चिलम रहु और खींच के मारु दम,
मैं शिव की धुन में मस्त रहु और बोलू सु बम बम ,
शिव शंकर डमरू वाले का मुझको दर्शन करवा देना,
मोपे भोले की मस्ती छाई मेरा भी जल चढ़वा देना,
भांग नहीं भगवती है ये घट घट में रमने वाली है,
कोर हलाल कोर भंगियाँ शीतल करने वाली है,
वेळ पत्र और भांग धतूरे का भी भोग लगा देना,
मोपे भोले की मस्ती छाई मेरा भी जल चढ़वा देना,
हर सावन में राम अवतार भी तेरे दर पे आता है,
राकेश नरसी कावड़ के बाबा नये नये भजन सुनाता है,
सुबह शाम तेरा जपे नाम बाबा हम को पार लगा जाना,
मोपे भोले की मस्ती छाई मेरा भी जल चढ़वा देना,