बंसी बजा के ,कान्हा तुझे बुलाए,
डाला है झूला ,राधा जल्दी से आए,
बदरिया छाई है, सावन आ गया,
रिमझिम रिमझिम बरसे फुहार,
बोले पपैया मोर नचाए,
गोपी सारी आ गई, राधा कहां रही,
बंसी बजा के कान्हा...
खुशी का कोई, पाये ना पार ,
नाचे मनवा गाए ,गीत हजार,
धरती हर साए है ओढ धानी चुनर,
बंसी बजा के कान्हा...
कान्हा के मन की सुन के पुकार,
आई है राधा प्रीत निभाय,
बरसे है प्रेम फुहार, दोनों भीग रहे,
बंशी बजा के कान्हा ...
झूले है राधा कान्हा झूला झुलाए,
रश्मि मंगलगीत सुनाए,
प्रेम को अमर बनाए, दोनों झूल रहे,
बदरिया छाई है ,सावन आ गया,
बंसी बजा के कान्हा तुझे बुलाए ,
डाला है झूला, राधा जल्दी से आए,
बदरिया छाई है ,सावन आ गया,
डॉ रश्मि सोनी