मन मोहना बड़े झूठे, हार के हार नहीं माने | बन के खिलाडी पिया, निकले अनाड़ी | मोसे बईमानी की, मुझ से ही रूठे || तुम्हारी यह बंसी कहना, बनी गल फंसी | तान सूना के मेरा, तन मन लूटे ||