मैं तो श्याम रंग में रंग गयी रे
मोहे भाये कोई रंग ना
अब तो भाये कोई रंग ना रे
मैं तो श्याम रंग में रंग गयी रे
श्याम सलोना गिरवर धारी
प्रेम करे जिसे दुनिया सारी
मैं भी उस पर तन मन हारी
सड़के जाऊं वारि वारि
मोरा पूरा हुआ हर सपना रे
मैं तो श्याम रंग में रंग गयी रे
श्याम की मस्ती में मस्तानी
दुनिया भर से हूँ बेगानी
कहते सब मोहे पगली दीवानी
श्याम बिना सबसे अनजानी
मैंने होश गवायो अपना रे
मैं तो श्याम रंग में रंग गयी रे
नीला पीला लाल हरा हो
रंग कोई भी कितना खरा हो
उसको सूझे रंग ना कोई
रंग श्याम का जिसपे चढ़ा हो
रंग दूजा कठिन है चढ़ना रे
मैं तो श्याम रंग में रंग गयी रे