सुनाये मधुर तान मोहे श्याम लगे धुन बंसी की दीवानी,
दिवानो बंसी को ब्रिज धाम राधिका बरसाने वाली,
चल के नित भ्जाये दे काहे दे,
गाऊ चराने मधुवन जाना,
सुहानो मोसम है श्याम रंग में आजा वनवारी,
दिवानो बंसी को ब्रिज धाम राधिका बरसाने वाली,
जिब जावे मैं संग में जाऊ बंसी राधे वाही भजाऊ,
मैं चाहू तेरे नाम को याम पियु गी श्याम उम्र सारी,
दिवानो बंसी को ब्रिज धाम राधिका बरसाने वाली,
करती हु नित झूठे वादे श्याम अधुरा तुम बिन राधे,
ओ राही मिल जावे आराम दया कर मोहन गिरधारी,
दिवानो बंसी को ब्रिज धाम राधिका बरसाने वाली,