हे श्याम तेरी माया कोई जान नहीं पाए,
तू छाज से बस रीजे तुलसी पे बिक जाये,
उस ने मित्र सुदामा की तकदीर बदल डाली,
तेरे द्वार वो आया था लेकर झोली खाली,
इक तंदुल के बदले त्रिकोल लुटा आई,
हे श्याम तेरी माया कोई जान नहीं पाए
इतनी वेहवव शाली कोई पार नहीं पाई,
जिनका दर्शन करने त्रिलोकी खुद आई,
वो ग्वालो संग धेनु जंगल में चरा लाइ,
हे श्याम तेरी माया कोई जान नहीं पाए
तू प्रेम का भूखा है अंदाज अनूठा है,
भगतो की घर खाई भगतो का झूठा है,
भिलिनी की बेर चखे और मान बड़ा आई,
हे श्याम तेरी माया कोई जान नहीं पाए
ये हरष कहे तेरा हर नियम निराला है,
अमिरत में बदल देता तू विष का प्याला है,
सेवक का मान बड़े चाहे तेरा घट जाये,
हे श्याम तेरी माया कोई जान नहीं पाए