ओ संवारा दिल मेरा ले गया,
खो गई सुध मेरी मैं वावरा सा हो गया,
जब लगी ये लग्न मीठी सी है चुबन दिल बेकरार है,
आज तो वो आएगा जलवा दिखाए गा बस इंतज़ार है,
ओ संवारा दिल मेरा ले गया
बांकी सी लटक पे श्याम नटखट पे बंसी कमाल है,
छेड़े जो तराना हो नाचे ये ज़माना हो दे दे के ताल है,
ओ संवारा दिल मेरा ले गया....
रूप है सुहणा सा मन मुश्काना सा बांका वो यार है,
उसी अदाओ पे तिर्शी निगाओ पे ये दिल निसार है,
ओ संवारा दिल मेरा ले गया