मोर मुकटियाँ वाले कर ले कितनी सीना चोरी,
कान्हा न दूंगी मैं मुरलियाँ तोरी
बंसी बिन मैं आधा राधा तोहे खबर सब कोई,
राधा देदे री तू मुरलियाँ मोरी
लया दू तेरी हरी हरी चूड़ी लय दू तेरी पायल,
ऐसी कैसे मान मैं जाओ राधा न है पागल,
तूने कितनी फोड़ी मटकियां मैंने भी कर ली चोरी,
कान्हा न दूंगी मैं मुरलियाँ तोरी
कसर काड लू सारी मोहन तूने बहुत सताई,
कैसे नाचे गई तू राधा बंसी जो न बजाई,
तान लगे बिन कैसे खिले गी तेरी पोरी पोरी,
राधा देदे री तू मुरलियाँ मोरी
मेरे सँवारे सदा ही नाचू मैं तो तेरी नचाई,
मैं मोर तू मेरी मोरनी जोड़ी खूब बनाई,
हम से ही तो जुडी है राधे राज मेहर की टोली,
राधा देदे री तू मुरलियाँ मोरी