जलवा है चारों ओर हमारे ही श्याम का,
हर कोई कर रहा है भजन इनके नाम का,
जलवा है चारों ओर हमारे ही श्याम का॥
चेहरे पे भोलापन है होंठो पे हंसी,
देखा है जब से इनको मूरत हृदय बसी,
दीवाना हर कोई, कोई इनके नाम का,
जलवा है चारों ओर हमारे ही श्याम का.....
है श्याम रंग सलोना आंखों में रस भरा,
तिरछी नज़र का सबपे छाया है एक नशा,
उतरेगा ना नशा ये तेरे नाम का,
जलवा है चारों ओर हमारे ही श्याम का.....
कोई न होश में है कैसा है सरूर
जादूगरी तेरी प्रभु इसमें है कुछ तेरी,
"राजेन्द्र" भी दीवाना-दीवाना है श्याम का,
जलवा है चारों ओर हमारे ही श्याम का.....