लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रे,
जगत सेठानी का जगत में डंका भाजे रे,
लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रे
म्हारा दादी जी को खूब स्झो है शृंगार,
भगता ने निरख रही या बाँट रही है प्यार,
दादी को शृंगार यो प्यारो म्हाने बहुत लुभावे से,
झूम झूम कर सेवक नाचे थारे आगे रे,
लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रे
लाल रंग की चुनड़ी मइयां थारे थाई लाया रे,
इ चुनड़ में सब भगता प्यार मिलाओ रे,
लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रे
दादी थारा टाबरिया को हर दम साथ वाजे रे,
जब भी भुलावा आ कर के मान बढ़ावे रे,
लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रे
राजा बोले दादी हर दम माहने दर पे भुला जे रे,
जो भी आवे दर पे थारे काम बना जे रे ,
लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रे