बेटा थारी मां समझावे रे,
चेत सके तो चेत मनख पणो फेर नही आवे रे,
नो दस महीना जुल्यो गर्भ में मां गणी दुख पाई रे,
बाहर आयो खुशियां मनावे सैया मंगल गाया रे,
बेटा मां समझावे रे ......
बालपणा माता लाड़ लड़ायो दूध पिलायो रे,
आई जवानी भूल गयो तिरिया संग लागो रे ,
बेटा मां समझावे रे ......
दे शिक्षा सत्संग की बेटा सज्जन बनायो रे,
संगत करि तूने मूर्खो की यो पद खोयो रे,
बेटा मां समझावे रे ......
सेवा करि बेटा श्रवण ने जो संन्त पुकारे रे ,
माता पिता ने खांदा पे लेकर तीर्थ करावे रे,
बेटा मां समझावे रे ......
मद मांस का भोजन करे ज्याका घर मे हानी रे,
सुद बुद् बिगड़े लक्ष्मी जावे ज्यांकि नरका में तैयारी रे,
बेटा मां समझावे रे ......
धर्म छोड़े जो सुख नही पावे संन्त पुकारे रे,
हिरणाकश्यप रावण ने देखो ज्याने पल में मारे रे,
बेटा मां समझावे रे ......
अमर दास पति देव हमारा दीन दयाला रे,
फुंदी देवी यूँ के समझावे गुरु शरणा में आजा रे,
बेटा मां समझावे रे ......
सिंगर - चम्पा लाल प्रजापति मालासेरी डूँगरी
89479-15979