भेरू थारी भक्ति में होकर के बावरा,
अ र र नाचे हो भेरूजी थारा टाबरां ॥
भक्ति री रात आज आंगणे जो आई है,
हिलमिल बाबा थारी ज्योत जगाई है,
गुणगान गावे बाबा भक्त बेठिया आपरा,
अ र र नाचे हो भेरूजी थारा टाबरां ॥
सांकल ले हाथा में भोपा जी भी नाचरिया,
जठै देखो वठे नाम भेरू का ही गुंजरिया,
हीरा जड़िया आंगी में थारे सवा लाखरा,
अ र र नाचे हो भेरूजी थारा टाबरां ॥
भक्तो रा सागे नाचे भैरव मतवालों रे,
प्यार लुटावे बाबो बड़ो दिलवालों रे,
"दिलबर" दीवाना भक्त नाकोंडा रा धामरा,
अ र र नाचे हो भेरूजी थारा टाबरां॥
भेरू थारी भक्ति में होकर के बावरा,
अ र र नाचे हो भेरूजी थारा टाबरां ॥