जान लिया मेरी माँ, कहा पर रहती हैं,
हो सेवा गुणगान , वहां पर रहती हैं,
मा कृपा से माँ की सेवा, बड़े भाग्य से मिलती हैं,
लाखों लोग लगे नंबर में, किसी किसी को मिलती हैं,
सेवक का जीवन सेवा में रहता है,
हो सेवा गुणगान.....
बस में करले, नाग मैया को ऐसा कोई मंत्र नही,
मैया की सेवा से बढ़कर, दूजा कोई यंत्र नही,
सेवा से दरबार, निखरता रहता हैं,
हो सेवा गुणगान......
नाग मैया को नित्य सजाकर, अम्मा का गुणगान करे,
प्रेम भाव से मन को लगाकर, अम्मा जी का ध्यान करे,
ऐसे सेवक से मैया खुश रहती है,
हो सेवा गुणगान....
अम्मा की आंखों से देखो, प्रीत की शीतल धार बहे,
डूब गया माँ के प्रेम में, प्रेम बिना फिर कैसे रहे,
भक्तों प्रेम की सार, अम्मा यही कहती हैं,
हो सेवा गुणगान.....
सौरभ सोनी
श्रद्धा सुमन भजन मंडली।
सरिया।।