मांग सिंधुर से ये सजा है रे,
माथे बिंदियां ये मैंने लगा ली है रे
ओड कर के चुनरियाँ तेरे नाम की,
आज मैं हो गई श्याम की श्याम की,
मन के मंदिर में है श्याम मूरत तेरी,
सवाली सवाली प्यारी सूरत तेरी,
धूल माथे लगा के तेरे पाँव की
आज मैं हो गई श्याम की श्याम की,
मोठे कजरारे नैनो ने घ्याल कियाँ,
थोड़ी पागल थी मैं पूरा पागल कियाँ,
बनके जोगन दीवानी तेरे नाम की,
आज मैं हो गई श्याम की श्याम की,