सुन री यशोदा मैया, तेरे नंदलाल ने
कंकरिया से मटकी फोड़ी, मदन गोपाल
कालो कन्हिया तेरो बड़ो उत्पाती
संग में ग्वाल बाल खुरापाती
कर दे डगरिया चलना मोहाल
कंकरिया से मटकी फोड़ी, मदन गोपाल
छाछ दही माखन को वैरी
दाड़ो ढीठ डाटे से ना डरे री
ऊँचे छीके टांगी बहुत सम्बाळ
कंकरिया से मटकी फोड़ी, मदन गोपाल