मेरी जुबां पे है श्याम श्याम, तेरी जुबां पे है श्याम श्याम,
सबकी जुबां पे है श्याम श्याम, दुनियां में गूंजे है श्याम श्याम,
मेरे मन में तू भक्ति सुधा भरदे, मेरे सिर पे तू हाथ जरा धरदे,
जग छोड़ के मुख मोड़ के में गाउं ये तराना,
तेरे नाम का मैं भी बन गया दीवाना, मैं भी बन गया दीवाना, मैं भी बन गया दीवाना......
ज्योति में जो दिख रहा है ओ भी मेरा श्याम है,
प्रेम भाव में बिक रहा है ओ भी मेरा श्याम है,
तेरे प्यार का मैं भी बन गया दीवाना, मैं भी बन गया दीवाना, मैं भी बन गया दीवाना,
मेरी सांस सांस में श्याम श्याम, तेरी सांस सांस में श्याम श्याम,
हर सांस सांस में श्याम श्याम, सब सांस सांस में श्याम श्याम....
हर फूलो में हर कलियों में महके मेरा श्याम है,
देख देख अपने भक्तो को चहके मेरा श्याम है,
तेरे द्वार का मैं भी बन गया दीवाना, मैं भी बन गया दीवाना, मैं भी बन गया दीवाना,
तेरे आसपास में श्याम श्याम, मेरे आसपास में श्याम श्याम,
हर दिल के पास में श्याम श्याम, सब ही के पास में श्याम श्याम.....
श्याम कहे हारे को जिताएं ओ भी मेरा श्याम है,
कलयुग में जो कष्ट मिटाए ओ भी मेरा श्याम है,
तेरे नाम का मैं भी बन गया दीवाना, मैं भी बन गया दीवाना, मैं भी बन गया दीवाना,
बिन मांगे देता श्याम श्याम, हरपल संग रहता श्याम श्याम,
झोली भर देता श्याम श्याम, सबकी सुन लेता श्याम श्याम,
तेरे नाम का मैं भी बन गया दीवाना मैं भी....
।।डॉ सजन सोलंकी।।