माँ गोरा सुनो मुझको वरदान दो,
भोले बाबा के चरणों में अनुदान दो ,
कभी साथ पिया का छूटे न,
प्रेम का धागा टूटे न,
वो दीपक है मैं हु बाती,
उनके बिना मैं जल बिना बाती ,
जिस्म हु मैं वो जान है मेरी उनसे ही पहचान है मेरी,
माथे सिंदूर हो उनका ही नूर हो,
कोई चैन हमारा लुटे न,
प्रेम का धागा टूटे न,
स्वर्ग से सूंदर घर हो मेरा,
उस में हो खुशियों का डेरा,
हरा भरा हो फीका आंगन जन्म जन्म मैं राहु सुहागन,
प्यार ऐसा मेरा जैसा सोना खरा,
सच कहते है हम झूठे न,
प्रेम का धागा टूटे न,
जब तक सूरज चाँद रहेगा हाथ में उनके हाथ रहेगा,
और नहीं कुछ उनसे चाहे उनकी बाहे मेरी पनाहे,
उनकी तकदीर हो रांझे की हीर हो,
कभी हीर से रांझा रूठे न,
प्रेम का धागा टूटे न,