महिमा अप्रम पार है तेरी

महिमा अप्रम पार है तेरी भोला तेरा नाम,
सुबह शाम मंदिर में आके करते तुझे परनाम,
जगत के पालनहार करो उधार हमारा,

दो हाथो को जोड़ के आये सबसे मुखड़ा मोड़ के आये,
जग से रिश्ता तोड़ के आये देख हमे हम दोहर के आये,
जगत के पालनहारा करो उधार हमारा,
महिमा अप्रम पार है तेरी भोला तेरा नाम

जो कोई तेरे द्वार पे पौंचे कम बने उसके बिन सोचे,
तू द्रिसका का सबको देखे तू लिखता है सबके लेखे,
जगत के पालनहारा करो उधार हमारा,
महिमा अप्रम पार है तेरी भोला तेरा नाम

जो प्राणी तेरा ध्यान करेगा तू उन सबके कष्ट हरे गा,
जो कोई तेरी टेक धरेगा भव सागर से वोही तरेगा,
जगत के पालनहारा करो उधार हमारा,
महिमा अप्रम पार है तेरी भोला तेरा नाम
 
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