विनती सुनो घनराज सबा में वचाने लाज प्रभु जी मेरे आ जाना,
मेरे बिगड़े बनाने काज प्रभु जी आ जाना ,
ना चाहु मैं माल खजाना ना कोई महल अटारी,
मैं तो करू गुण गान तुम्हारा चाहु किरपा तुम्हारी,
तुम बिन कोई काम ना होता प्रथम पूजे गणराज,.
प्रभु जी मेरे आ जाना,
पिता तुम्हरे है त्रिपुरारी माँ गिरजा महारानी,
रिद्धि सीधी के तुम हो स्वामी चूहा तेरी सवारी,
विधान विनाशक तुम हो दाता हे गणपति महाराज,
प्रभु जी मेरे आ जाना,
आज भरे दरबार में भगवन हम को तेरा सहारा,
मन की आशा पुराण करदो सब ने तुझको पुकारा,
स्वर संगीत अमर हो मेरा रखने मेरे सरताज,
प्रभु जी मेरे आ जाना,