एक सुन्दर ख्याल कान्हा
मन में आया है मेरे
अपने दिल के आँगन में
एक भवन बनाया मैंने
श्याम प्यारे मेरे घर आजाना
मेरे मन की बगिया महकना
रोज़ सबेरे उठके मैं तुझको स्नान कराऊँ
केशर तिलक लगाके फूलों से तुझे सजाऊँ
फिर पहन केसरिया बागा तुम मुरली मधुर बजना
अपने मुरली की धुन से मेरा मन मंदिर महकाना
श्याम प्यारे मेरे घर आजाना
मेरे मन की बगिया महकना
मन मंदिर के आगे एक सुन्दर बाग़ लगाऊं
झूला एक चन्दन का उस बाग़ में श्याम लगाऊं
झूलो राधे रानी संग करो मन में प्रभु बसेरा
बस इतनी किरपा करदो प्रभु साथ छूटे न तेरा
श्याम प्यारे मेरे घर आजाना
मेरे मन की बगिया महकना
रचना एवं गायक : चंद्रकांत तिवारी - ९३२५०१५३३५