मेरी नजरे तेरी नजरो को निहारे जाती है,
के कब मिलोगे सँवारे पूछे जाती है,
मेरी नजरे तेरी नजरो को...
अपनों ने कर दियां है श्याम मुझको अनजाना,
तुम्ही अपने बन जाओ के जग लागे बेगाना,
मुझे देख अकेला ओ सांवरियां दुनिया सताये जाती है,
के कब मिलोगे सँवारे पूछे जाती है,
मेरी नजरे तेरी नजरो को...
बरसो यु बीत गये है मैं तो बस बोलता हु,
ये मूरत भी कभी बोलेगी यही तो बस सोचता हु,
तेरा चुप रहना यु कुछ न कहना ये बाते खाई जाती है,
के कब मिलोगे सँवारे पूछे जाती है,
मेरी नजरे तेरी नजरो को...
बड़ा सुना है सँवारे तू हारे का है सहारा,
मेरे लिये ही क्यों बंद है श्याम ये तेरा द्वारा,
तू हारे का साथी यही तो बाती आस बढ़ाये जाती है,
के कब मिलोगे सँवारे पूछे जाती है,
मेरी नजरे तेरी नजरो को...