तेरे द्वार के लाख दीवाने दीवाने तेरे द्वार के लाख दीवाने,
खड़े है रानी कर जोड़ के है खड़े है रानी कर जोड़ के कर जोड़ के,
तेरे द्वार के लाख दीवाने
तेरे दर्श के नैन दीवाने खड़े है रानी कर जोड़ के कर जोड़ के,
तेरे द्वार के लाख दीवाने...
माये उचे भवन में विराजे सवाली तेरे द्वार खड़े,
तेरे दर्शन के अविनाशी हां माँ मन में आस बड़ी,
हम जायेगे न दर से खाली रहे गे कर कर जोड़के,
तेरे द्वार के लाख दीवाने.......
माई संतोषी जग जगनी जन मन संतोष भरे,
माई देखे कई हमने द्वारे द्वार पर नही देखे हम इसे,
यहाँ पल में मुराद हो पूरी तो कैसे जाए दर छोड़ के दर छोड़ के ,
तेरे द्वार के लाख दीवाने