पूजा की थाली सजा रखी है,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है,
मन मंदिर में बसा रखी है,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है….
है माँ जुबा पर जब भी तेरा नाम आता है,
तब ये दिल मेरा बहक जाता है,
और तुझे पाने के लिए कुछ भी कर जाऊँगा,
एक बार दर्श दिखा दे वरना रो रो के मर जाऊंगा....
सजाया जगराता भवनी आजाओ,
शरण मे बैठे है दरश दिखला जाओ,
तुम्हारे दर्शन को मेरा मन रोता है,
दिखा दो सूरत माँ हमे न तरसाओ....
आज न आई जो जगदम्बा होगी तू बदनाम,
होगी तू बदनाम,
राह में पलके बिछा रखी है,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है....
तेरे दर से दाती मैं मशहूर हो गया,
इतना रोया की गम सारा दूर हो गया,
और मुझे काँच समझ कर दुनिया ने फेक दिया,
तेरे चरणों मे आकर मैं कोहिनूर हो गया....
दीवाना तेरा हूँ तेरे दर आया हूँ ,
बड़ी मुश्किल से माँ पता में पाया हूँ,
रहूँगा चरणों मे कही न जाऊँगा,
जमाने की ठोकर बड़ी में खाया हूँ,
बिगड़ी बना दे ओ जगदम्बा मैने लिया तेरा नाम…….
मैने लिया तेरा नाम,
नज़रे क्यों हमसे हटा रखी है,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है…….
तेरी चौखट पर आना मेरा काम है
मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है,
छोड़ दी कश्ती मैंने तेरे नाम पर,
अब इसे किनारा लगाना तेरा काम है……..
सुना है चरणों मे तेरी जो आता है ,
ज़माने की खुशियां यहीं से पाता है,
मुरादे मन की तू सभी को देती है,
तेरी चौखट से वो न खाली जाता है….
लाज रखे भगतो की भवानी बिगड़े बनाये काम,
बिगड़े बनाये काम,
हमने भी अर्जी लगा रखी है माँ तेरी ज्योत जला रखी है………
कश्ती मेरी मझधार में जब भी गोते खाती है,
तब मेरी माँ दौड़ी आती है
मुझे फर्क नही पड़ता ये दुनिया क्या कहती है
मैं अपनी माँ का बेटा हूँ बस ये बात मुझे भा जाती है……
तुम्हारा बेटा हूँ मुझे न ठुकराना,
मुसीबत आयी है यही पर तुम आना,
छुपालो आँचल में बना दो बिगड़ी माँ,
तुम्हारा प्रेमी हूँ ये झोली भरदो माँ,
सबसे आला सबसे निराला मईया तेरा धाम,
मईया तेरा धाम,
भजनों की गंगा बहा रखी है ,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है…..