जय हो माई की चिंता काये की,
पंडा के देवी आ गई है, अपनी कला दिखा रही है,
जय हो माई की चिंता काये की,
पंडा के देवी आ गई है, अपनी कला दिखा रही है,
जय हो माई की चिंता काये की,
पंडा के देवी आ गई है, अपनी कला दिखा रही है.....
पहलो आई महीयर वाली जैसे पंडा पढ़े अखारी, उठा वभूती पढ़ के मारी,
गिन गिन के नाम बता रही है, पंडा के देवी आ गई है,
जय हो माई की चिंता काये की,
पंडा के देवी आ गई है, अपनी कला दिखा रही है.....
काल परोसे मूड पिरावे किवडा खोल खोल भाग जावे, तेरे टेरे निगाह ना आवे,
चम्पा बहुत घबरा रही है, पंडा के देवी आ गई है,
जय हो माई की चिंता काये की,
पंडा के देवी आ गई है, अपनी कला दिखा रही है.....
नारियल निबुआ मांगे पंडा और देशी मुर्गी को अंडा, दो दो लगे करिया झंडा,
संजो ऐसी बता रही है हाँ बता रही, पंडा के देवी आ गई है,
जय हो माई की चिंता काये की,
पंडा के देवी आ गई है, अपनी कला दिखा रही है.....
खेल रही जोगन लटे छिटकाये पंडा बाबा के देवी सम्हारि ना जाए,
नारियल के मचल गई जगदम्बा, नारियल के मचल गई जगदम्बा,
जय हो माई की चिंता काये की,
पंडा के देवी आ गई है, अपनी कला दिखा रही है.....