दिव्ये दर्शन है मैया का दिव्ये ये दरबार है
दिव्ये माँ की ज्योति है और दिव्ये ये शिंगार है
दिव्य है ये भक्त सारे बैठे है दरबार में
दिव्य माँ का नूर है फेला है संसार में
आप की किरपा से मैया हो रहे सब काम है
आप की किरपा से मैया जग में मेरा नाम है,
आप की किरपा से मैया ले रहे हम स्वास है
आप की किरपा ही मैया जगत में विख्यात है
धाम उचा नाम उचा साचा ये दरबार है
आप का गुणगान मैया कर राहा संसार है
भगत तेरे दर पे आये हाथ अपने पसार कर
इक आशा सब की है मैया तू हम से प्यार कर
हम तो तेरे दास है हम सब को तेरी आस है
तेरी ही माँ दर्श की भगतो को तेरे प्यास है
दिव्यता का दान मैया हमको तेरा हो गया
अब तो वेडा पार भगतो सब का हो गया