पैदल आये गणराज देखो मटक मटक के

पैदल आये गणराज देखो मटक मटक के,
चूहा को बतलाये बिना धीरे से सटक के,
पैदल आये गणराज देखो मटक मटक के,

भक्तो की है दूर नगरियाँ,
इक तो उची नीची डगरिया,
जंगल जंगल पर्वत पर्वत,
गलियां गलियां भटक भटक के,
पैदल आये गणराज देखो मटक मटक के,

न लाडुआ का भोग लगाये,
भक्तो को प्रभु आ के बताये,
तुम्हरे भुलाने पर हम आये सुका पानी घटक घटक के ,
पैदल आये गणराज देखो मटक मटक के,

रिमझिम बरसे काली बदरियाँ,
नाही कोई संग सांवरियां,
पीताम्भर को पानी भगतो आ गये देखो झटक झटक के,
पैदल आये गणराज देखो मटक मटक के,

मुह माँगा वरदान मिलेगा,
भक्तो को समान मिलेगा,
लुट सको तो लुट लो भक्तो ना रह जाउगे लटक लटक के,
पैदल आये गणराज देखो मटक मटक के,
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