डंका जग की महारानी का भजता मोटी सेठानी का,
झुँझन जैसा धाम नहीं है सब की जुबा पे नाम यही,
माँ झुँझन वाली बड़ी भोली भाली अपने भगतो की करती रखवाली,
भगतो को आधार तेरा साँचा है दरबार तेरा,
सारा ही जग जान गया तू सतियो की सिर मोर,
ममता की भंडार है तू जग की पालनहार है तू,
हो नहीं सकता माँ तेरे जैसा कोई और,
चंद टले सुरक टल जाये माँ झुँझन वाली की महिमा ब्रह्मा विष्णु गाये,
कहते वेद पुराण यही है सब की जुबा पे नाम यही,
माँ झुँझन वाली बड़ी भोली भाली अपने भगतो की करती रखवाली,
सौरव मधुकर सोचे क्या भादू की तू टिकट कट वा,
चल के झुँझन धोक लगा सारा संकट कट जाएगा,
मौका फिर से आया है दादी ने भुलाया है,
तू समज न पाया है तो बाद में पछताएगा.
कर ले झुँझन की तयारी छोड़ के सारी दुनिया दारी,
भादि अमावस के मेले की चर्चा है भाई भारी,
बनते बिगड़े काम यही है सबकी जुबा पे नाम यही,
माँ झुँझन वाली बड़ी भोली भाली अपने भगतो की करती रखवाली,