नंद भवन में उड़ रही धूल
धूल मोहे प्यारी लगे
उड़े उड़े धूल मेरे नैनन पे आवे
मैने दर्शन करे भरपूर
धूल मोहे प्यारी लगे
नंदभवन में उड़ रही धूल
धूल मोहे प्यारी लगे........
उड़ उड़ धूल मेरे होठों पे आवे
मैं भजन गाए भरपूर
धूल मोहे प्यारी लगे
नंदभवन में उड़ रही धूल
धूल मोहे प्यारी लगे.........
उड़ उड़ धूल मेरे हातन पे आवे
मैने ताली बजाई भरपूर
धूल मोहे प्यारी लगे
नंदभवन में उड़ रही धूल
धूल मोहे प्यारी लगे..........
तीन लोक तीरथ नही
जैसी ब्रज की धूल
लिपटी देखी अंग सो तो
भाग जाए यमदूत
मुक्ति कहे गोपाल से
मुझे मेरी मुक्ति बाताओ
ब्रज रज माथे पर लगे
तो मुक्ति भी मुक्त हो जाए
उड़ी उड़ी धूल मेरे पैरन पे आवे
मैने परिक्रमा लगाई
भरपूर धूल मोहे प्यारी लगे
नंदभवन में उड़ रही धूल
धूल मोहे प्यारी लगे...........