दोहा
नाच नाच कर सारे जग में, नाच रहे जग के मानव
नाचे सभी देव अरु देवी ,अरु नाचे असुर दानव
नाचे सभी देव हितकारी, नाची रास में राधा प्यारी
हरि संग प्रीत लगा कर नाची,प्रेम दिवानी मीरा बाई
हर दम हरी के प्रेम में इंसान नाचते हैं ,
भक्तों के बस में होके भगवान नाचते हैं,
नाचे थे भोले दानी डमरू बजा बजा कर,
नाची थी मीरा रानी घुँघरू बजा बजा कर,
दरवार में हरी के सब भक्त नाचते हैं,
सोने की लंका पाकर किया गर्व मन में रावण
अभिमान को मिटाने गढ़ लंका पहुँचे बजरंग
लंका जला जला के हनुमान नाचते हैं ,
नाचे सभी दुखारी नाचे सभी पुजारी
नाचे मोहन मुरारी नाची है राधा प्यारी
ताली बजा बजा कर " रघुबीर " नाचते हैं,
लेखक -रघुबीर पाण्डेय
मो0-9555897799