नैनहीन को राह दिखा प्रभु
पग पग ठोकर खाऊँ मैं
नैनहीन को..........
तुमरी नगरिया की कठिन डगरिया,
चलत चलत गिर जाऊं मैं प्रभु,
नैनहीन को राह दिखा प्रभु,
पग पग ठोकर खाऊँ मैं,
नैनहीन को राह दिखा प्रभु,
चहुँ ओर मेरे घोर अँधेरा
भूल न जाऊं द्वार तेरा
चहुँ ओर मेरे घोर अँधेरा
भूल न जाऊं द्वार तेरा
एक बार प्रभु हाथ पकड़ लो
मन का दीप जलाऊँ मैं प्रभु
नैनहीन को राह दिखा प्रभु
पग पग ठोकर खाऊँ मैं
नैनहीन को.............