मना मौज बड़ी है श्याम नाम दे अंदर,
श्याम नाम दे अन्दर हरी नाम दे अन्दर,
जेह्डा वस् दा है हर इंशान दे अन्दर,
मना मौज बड़ी है श्याम नाम दे अंदर,
ओह ता सारे ही जग दा वाली है,
सारा जग उसदा ही सवाली है,
चंद तारे चमकन ओहदी शान अन्दर,
मना मौज बड़ी है श्याम नाम दे अंदर,
ओह ता व्यापक ढाली ढाली है,
कोई जगह न उस तो खाली है,
ओ ता वसदा है सारे जहान अन्दर,
मना मौज बड़ी है श्याम नाम दे अंदर,
ओह्दियाँ सिफता दा मैं की की हाल दसा,
ओहदे केहड़े केहड़े गुण उपकार दसा,
इतनी शक्ति न मेरी जुबान अंदर,
मना मौज बड़ी है श्याम नाम दे अंदर,
जिहनू रंग प्रेम दा चढ़ जावे,
ओहनू श्याम ही श्याम नजर आवे,
फिर कम की है उसदा इस जहान अन्दर,
मना मौज बड़ी है श्याम नाम दे अंदर,
पूछो तुलसी नरसी कबीर कोलो,
मीरा बाई ते साधू फ़कीर कोलो,
कितनी मस्ती है श्याम जी दे नाम अन्दर,
मना मौज बड़ी है श्याम नाम दे अंदर,