कहता जहां दातिए तेरी ममता पे दिल कुर्बान रे,
कहता जहां दातिए ....
तू है शेनशाह मैं हु भिखारी तूने ओ मैया मेरी किस्मत सवारी,
तुमसे है शाम दातिए ,तेरी ममता पे दिल कुर्बान रे,
कहता जहां दातिए ....
प्रीत की डोरी तुम संग बाँधी तोड़ सके गी क्या तूफ़ान आंधी,
मेरी है जान दातिए तेरी ममता पे दिल कुर्बान रे,
कहता जहां दातिए ....
पहले जहां का ताज तुम्ही हो समजा जिसने वो राज तुम्ही हो,
सब से महान दातिए तेरी ममता पे दिल कुर्बान रे,
कहता जहां दातिए ....