ओ गुणों की महारानी माँ संतोषी वरदानी

ओ गुणों की  महारानी माँ संतोषी वरदानी.
हम आये तेरे दर्शनों को दूर से,
मैया जी दरवाजा खोलो जरा मुख से कुछ तो बोलो,
दे दो दरश भवानी आये दूर से,

दर्शन के अभिलाषी हम तो दर पे आये,
तेरे नाम तो जपते तेरे ही गुण गाये,
ये नैना तो दीवाने तेरे सदियों से
भूखे को तू रोटी देती और प्यासे को पानी,
मैया ओ गुणों की महारानी माँ संतोषी वरदानी.

लाल चुनरियाँ लाये तुझको माँ सजाने,
तेरे लाल आये माँ आये तुझको माँ मनाने,
हर इक मन के फूल खिलाये भ्गियो के,
चूड़ी बिंदियाँ पाँव पैजनियाँ लाये कान की बाली,
ओ गुणों के महारानी माँ संतोषी वरदानी.

उचे भवन माँ बेठे और सब के मन की जाने,
हम तो बस माँ ढूंढे बस माँ मिलने के बहाने,
माँ हमरे मन को टोल खड़ा है अखियो से,
तेरे गुण है हजारो भवानी सर्व सुखो की तू रानी,
ओ गुणों के महारानी माँ संतोषी वरदानी.

तेरी महिमा रानी दुनिया सारी जाने,
तेरे व्रत की महिमा दुनिया सारी माने,
गूंजे सारे जयकारे तेरी गलियों में,
जय कारो में है नाम गूंजे जय संतोषी रानी,
ओ गुणों के महारानी माँ संतोषी वरदानी.
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