जपु आठों मैं पहरिया,
कब लोगी माँ खबरिया बालक गरीब के,
दर पे हु मैं खड़ा माँ हाथ जोड़ के......
मईया तेरी शान है निराली,
तू ही अम्बे, तू ही मईया काली,
द्वार से ना कोई खाली जाए,
आया जो भी माँ बन के सवाली,
शिव शक्ति माँ कल्याणी,
दुनिया तेरी माँ दीवानी,
अम्बे माँ दया करदे,
दर पे हु मैं खड़ा माँ हाथ जोड़ के......
ज्ञान और विज्ञानं सभी हारे,
मईया तेरा भेद नहीं पाए,
वेद और पुराण महिमा गाये,
ब्रह्मा, विष्णु, शिव सिर झुकाये,
पापी को भी तारे, धरती को भी उबारे,
कहते है लोग ये,
दर पे हु मैं खड़ा माँ हाथ जोड़ के......
दर्शनों की प्यास माँ बुझादे,
चरणों में अपने जगह दे,
साचा है दरबार तेरा प्यारा,
शर्मा को तेरा माँ सहारा,
कैसे तुम्हे मनाऊ, क्या भेंट मैं चढ़ाऊ,
मेरी माँ अम्बिके,
दर पे हु मैं खड़ा माँ हाथ जोड़ के......