देखो देखो यह शोभा महारानी की |
कांगड़े में जगमग ज्योति, यह शोभा महारानी की ||
कांगड़ा गढ़ चंगा, पहाडा वाली, कांगड़ा गढ़ चंगा |
हेठ वगे माई गंगा, कांगड़ा गढ़ चंगा ||
धरम-करम की ऐथे पौड़ी,
संगतां दर्शन करण नू दौड़ी |
ढक लिता सर नंगा, पहाडा वाली |
कांगड़ा गढ़ चंगा ||
डमरू वजदे छैनै खडकन,
आवन संगतां माँ नू परसन |
कर लिता मन चंगा, पहाडा वाली,
कांगड़ा गढ़ चंगा ||
लाल माँ, मन दी कट माँ जाली,
जिस विच बैठी मेहरां वाली |
चोला रंग-विरंगा, पहाडा वाली,
कांगड़ा गढ़ चंगा ||
ध्यानु भगत ने शीस चढ़ाया,
सनमुख माँ दा दर्शन पाया |
शर्मा माँ नाल रंगा, पहाडा वाली,
कांगड़ा गढ़ चंगा ||