तेरे दर का यही है दस्तूर,
मुँह मांगा है मिलता जरूर,
नाम तेरा जपले तो सब दुःख दूर,
कोई काहे ठोकर खाये तेरे दर आये,
के चरणों में शीश झुकाये मेरी मइयाँ सुनती पुकार,
कोई जब राह न पाए तेरे दर आये.
के चरणो में शीश झुकाये मेरी मइयाँ सुनती पुकार,
मैया जी तेरे कई रूप हजार जानता है ये सारा संसार,
पल में है करती तू दुष्टो का संगार,
कोई जब दर्शन पाये तेरे दर आये के चरणों में शीश झुकाये,
मेरी मैया सुन ती पुकार
मोह माया का सारा ही जहां,
दुनिया में हर कोई परेशान,
शरण तेरी जो रहता वही है इंसान,
सहगल ये भजन गाये तेरे दर आये,
के चरणों में शीश झुकाये
मेरी मैया सुन ती पुकार