जम्मू में माँ मात वैष्णो कलकत्ते में काली ,
सब की विनती सुनती है मेरी मैया शेरोवाली,
जय जय माँ जय जय माँ
रूप अनेको माँ के ये बताओ मैं,
याहा भी देखु मैया को पाउ मैं,
मैया का द्वार है सच्चा जानता हर बच्चा बच्चा,
कही चामुंडा कही पे ज्वाला कहे पे झंडे वाली,
जय जय माँ जय जय माँ
सच्चे दिल से जो माँ के दर आता है जीवन में वो कभी नहीं दुःख पाता है,
गुण गाओ चाहे धरौली खुशियों से भरती है झोली,
माँ के दर से आज तलक कोई लौटा नहीं है खाली,
जय जय माँ जय जय माँ
भीम साइन प्यारे बेशक आजमा ले तू,
माँ के दर पे सोया भाग जगा ले तू,
माँ बेटे का निर्मल नात क्यों न तेरी समज में आता,
ममता माँ के भगतो की तू मन की रोज दिवाली,
जय जय माँ जय जय माँ