बेटी क्यों जन्मी न माई,
शरण दुःख दाई सांवरियां कुछ बोलो न,
लोग गरब में मारे बेटी,
बेटी किस्मत की है हेठी ,
समजे न पीड़ पराई चरण दुःख दाई,
सांवरियां कुछ बोलो न,
अगर ये बेटी जन्म न लेगी आगे दुनिया कैसे भरे गी,
किस ने रीत बनाई शरण दुःख दाई ,
सांवरियां कुछ बोलो न,
बेटी दो दो कुल का गहना,
सब कुछ पढ़ता इसको सेहना,
रीत समज न आई शरण दुःख दाई ,
सांवरियां कुछ बोलो न,
गोरी साक्षी बेटी बचाओ बेटी पर कोई जुलम न ढाओ,
राज की सुन लो दुहाई,शरण दुःख दाई ,
सांवरियां कुछ बोलो न,