राधे रानी बृजरानी

राधे रानी बृजरानी का घनश्याम दीवाना है,
बरसाने....की गलियों में गूंजे कान्हा कान्हा है,
राधे रानी बृजरानी का घनश्याम दीवाना है ॥

श्यामा बरसाने वारी,
वृषभान की परम दुलारी,
दर्शन हित यहां बिहारी जी का, आना जाना है,
राधे रानी बृजरानी का घनश्याम दीवाना है ॥

कान्हा करते बर जोरी,
माखन की मटकी फोड़ी,
जहा झगड़े वृषभान किशोरी, ये मिलने का बहाना है,
राधे रानी बृजरानी का घनश्याम दीवाना है॥

बजे मुरली जब अलबेली,
जमुना पर जाये अकेली,
दई पीछे छोड़ सहेली, प्रेम का पहना बाना है,
राधे रानी बृजरानी का घनश्याम दीवाना है॥

है इनकी प्रीत पुरानी,
जिसे समझ ना पाये ज्ञानी,
भूलन त्यागी की वाणी को, सदा हरि गुण गाना है
राधे रानी बृजरानी का घनश्याम दीवाना है,
बरसाने....की गलियों में गूंजे कान्हा कान्हा है,
राधे रानी बृजरानी का घनश्याम दीवाना है......
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