राम जन्म पर भूमि पर जा कर घी के जीत जलाये गे,
कलयुग के रावण अब बेह से अपनी खैर मनाये गे,
राम अयोध्या जब लौटे जले थे दीपक घर घर में,
सिया राम के जैकारे भी गूंज उठे थे अम्बर में,
जा के अयोध्या दीवाली में फुलझड़ियां हम जलायेगे ,
कलयुग के रावण अब बेह से अपनी खैर मनाये गे,
देश के कोने कोने से जब भक्तो की टोली आएगी,
उनकी भक्ति की शक्ति से ये दुनिया अब थर रायेगी,
जय श्री राम का झंडा अब तो हर घर में लहराएगा,
कलयुग के रावण अब बेह से अपनी खैर मनाये गे,