ओ जग मग दीप जले आये राम हमारे,
अयोध्या में दीपवाली आज मनाये सारे,
आये राम हमारे लौट कर आये राम हमारे ,
चौदह वर्ष वनवास बिताये रावण को संगारे,
जग मग दीप जले आये राम हमारे,
माता पिता का वचन निभाए मर्दाया पुरषोतम,
सिया लखन को संग में लाये और लाये हनुमत प्यारे,
जग मग दीप जले आये राम हमारे,
खुश है बड़ी केकई कोश्लाया और सुमित्रा माता,
राज तिलक की हुई तयारी भाजे ढोल नगाड़े,
जग मग दीप जले आये राम हमारे,
घर घर में यह दीप जले है सजी अयोध्या सारी,
राजा राम बनेगे हमारे दसरथ जी के दुलारे,
जग मग दीप जले आये राम हमारे,
किया तिलक श्री राम का सब ने गदी पर वो विराजे,
भरत शतरुघन चरण पखारे प्रेम से गिरी निहारे,
जग मग दीप जले आये राम हमारे,